Board Exam Tips : मैथ्स का डर सता रहा है? 100 में 100 लाने का यह सीक्रेट सिर्फ आपके लिए है

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News India Live, Digital Desk: बोर्ड परीक्षा का नाम सुनते ही ज़्यादातर छात्रों की धड़कनें तेज हो जाती हैं। और जब बात गणित (Maths) के पेपर की आती है, तो यह टेंशन और भी बढ़ जाती है। "क्या पेपर मुश्किल आएगा?", "सारे सवाल हल कर पाऊंगा/पाऊंगी?", "कहीं कोई फॉर्मूला भूल गया तो?"... ये ऐसे सवाल हैं जो हर स्टूडेंट के मन में घूमते हैं।

लेकिन क्या हो अगर हम आपसे कहें कि थोड़ी सी स्मार्ट प्लानिंग और सही तरीके से मेहनत करके आप इस 'डर' को 'कॉन्फिडेंस' में बदल सकते हैं? जी हाँ, गणित में 100 में से 100 नंबर लाना कोई सपना नहीं है, बस आपको रटने की बजाय समझने पर ध्यान देना होगा।

चलिए जानते हैं कुछ ऐसे प्रैक्टिकल और आसान टिप्स, जो आपको गणित में पूरे नंबर लाने में मदद कर सकते हैं।

1. आपकी 'गीता' है NCERT की किताब

यह बात गाँठ बाँध लीजिए - सीबीएसई बोर्ड एग्जाम के लिए आपकी NCERT की किताब ही आपकी 'गीता' या 'बाइबल' है। पेपर का 70-80% हिस्सा सीधे तौर पर NCERT के कॉन्सेप्ट्स पर ही आधारित होता है।

  • क्या करें: हर एक सवाल, हर एक 'Solved Example' और एक्सरसाइज के हर प्रश्न को कम से कम दो से तीन बार अपने हाथ से सॉल्व करें। सिर्फ सलूशन देखना नहीं है, खुद हल करना है। जब तक आप NCERT पर पूरी तरह से पकड़ नहीं बना लेते, किसी और किताब की तरफ मत भागिए।

2. फॉर्मूलों का बनाओ 'ब्रह्मास्त्र'

गणित में फॉर्मूले आपके 'ब्रह्मास्त्र' की तरह हैं। अगर आपको सही समय पर सही फॉर्मूला याद नहीं आया, तो आसान से आसान सवाल भी मुश्किल लगने लगता है।

  • क्या करें: एक अलग नोटबुक या कुछ चार्ट पेपर लें। हर चैप्टर के सारे फॉर्मूले और ज़रूरी थ्योरम (जैसे Pythagoras Theorem) उस पर साफ-साफ लिखें। इस लिस्ट को अपनी स्टडी टेबल के सामने दीवार पर चिपका लें, ताकि उठते-बैठते आपकी नज़र उस पर पड़े। रोज़ सुबह 15 मिनट इन फॉर्मूलों को बस पढ़ना अपनी आदत बना लें।

3. सैंपल पेपर हैं असली 'नेट प्रैक्टिस'

क्रिकेट मैच से पहले खिलाड़ी 'नेट प्रैक्टिस' क्यों करते हैं? ताकि वे असली मैच के लिए तैयार हो सकें। आपके लिए सैंपल पेपर और पिछले सालों के क्वेश्चन पेपर वही 'नेट प्रैक्टिस' हैं।

  • क्या करें: परीक्षा से कम से कम एक महीना पहले, हफ्ते में 2-3 सैंपल पेपर सॉल्व करना शुरू कर दें। लेकिन एक शर्त है - घड़ी लगाकर ठीक 3 घंटे का टाइमर सेट करें और फिर पेपर सॉल्व करना शुरू करें। इससे आपको टाइम मैनेजमेंट का अंदाज़ा लगेगा और आपको पता चलेगा कि कौन से सेक्शन में आपको ज़्यादा समय लग रहा है।

4. अपनी कमजोरी को बनाओ अपनी ताकत

यह इंसान का स्वभाव है कि हम उन चीजों से भागते हैं जो हमें मुश्किल लगती हैं। अगर आपको त्रिकोणमिति (Trigonometry) या मेंसुरेशन (Mensuration) से डर लगता है, तो आप उसे छोड़कर बार-बार वही चैप्टर पढ़ते रहेंगे जो आपको आसान लगता है। यह सबसे बड़ी गलती है।

  • क्या करें: एक लिस्ट बनाएं। उन चैप्टर्स या टॉपिक्स के नाम लिखें जिनसे आपको सबसे ज़्यादा डर लगता है। अब अपना प्रण बना लें कि आप सबसे पहले उन्हीं पर हमला बोलेंगे। अपने टीचर, दोस्त या यूट्यूब की मदद से उन टॉपिक्स के कॉन्सेप्ट को समझें और उनके ज़्यादा से ज़्यादा सवाल हल करें।

5. प्रेजेंटेशन का भी पड़ता है असर

आप कितने भी होशियार क्यों न हों, अगर आपका पेपर गन्दा और अस्त-व्यस्त है, तो परीक्षक (Examiner) पर इसका अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता।

  • क्या करें: अपनी उत्तर पुस्तिका को साफ-सुथरा रखें। सवालों के बीच में प्रॉपर गैप छोड़ें। रफ काम के लिए हर पेज पर दाईं ओर एक लाइन खींचकर जगह बनाएं। जो आपका फाइनल आंसर हो, उसे बॉक्स में बंद कर दें। यह छोटी-छोटी बातें आपके आधा या एक नंबर कटने से बचा सकती हैं।

याद रखिए, डरने से नहीं, लड़ने से जीत मिलती है। गणित सिर्फ नंबरों का खेल नहीं है, यह आपके लॉजिक और कॉन्फिडेंस का टेस्ट है। इन टिप्स को अपनाइए और फिर देखिए, 100 का स्कोर दूर नहीं लगेगा

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